Unified Pension Scheme को 10 हजार से भी कम केंद्रीय कर्मचारियों ने चुना
Unified Pension Scheme राजस्थान पत्रिका के अनुसार इस पेंशन स्कीम में 50 % गारंटी के बावजूद 10000 से भी कम केंद्रीय कर्मचारियों ने चुना यूपीएस जाने क्या है इसका कारण क्यों लोग इस पेंशन से दूरी बना रहे है इसमें ऐसा क्या नुकसान है जो कर्मचारी इससे दूर भागते है ।
देश में अधिक से अधिक सरकारी केंद्रीय कर्मचारी रिटायरमेंट पर 50 % ग्रांटेड पेंशन देने वाली यूनिफाइड पेंशन स्कीम में स्विच करे इसके लिए केंद्र सरकार जागरूकता अभियान तेज करने की तैयारी में है एक अप्रैल 2025 से लागू यूपीएस होने के बाद से अब तक इसे सरकारी कर्मचारियों की ओर से ठंडा रिस्पॉन्स मिला है सभी मंत्रालयों और सरकारी विभागों में यूपीएस के फायदे और स्विच करने की प्रक्रिया के बारे में जानकारी देने के लिए पावर प्वॉइंट प्रेजेंटेशन दिखाया जा रहा है इसके साथ ही एनपीएस ट्रस्ट ने यूपीएस कैलकुलेटर भी जारी के दिया है ताकि कर्मचारी मिलने वाली पेंशन खुद कैलकुलेटर भी जारी कर दिया है ताकि कर्मचारी मिलने वाली पेंशन खुद कैलकुलेट कर सके ।
इसके बावजूद अभी तक 10,000 हजार से कम कर्मचारी NPS योजना से हटकर यूपीएस से जुड़े है जबकि देश में 27 लाख से अधिक केंद्रीय कर्मचारी है । यूपीएस को चुनने की डेडलाइन 30 जून 2025 तक है यानी जो मौजूदा ओर रिटायर कर्मचारी 30 जून तक यूपीएस नहीं चुनेंगे अगर सरकार इसकी तिथि आगे नहीं बढ़ाती है ।
Unified Pension Scheme क्यों लोग इस पेंशन से हिचकिसाते है
पेंशन विशेषज्ञों की माने तो केंद्रीय कर्मचारी अभी यह गुना भाग करने में लगे है कि NPS या यूपीएस में से उनके कौन अधिक फायदेमंद हो सकता है यूपीएस में रिटायरमेंट पर एकमुश्त मिलने वाली राशि NPS के मुकाबले कम होने पूरे पेंशन के लिए लंबी सर्विस जैसे कई कारण है जिसका कर्मचारी आंकलन कर रहे है NPS में रिटायरमेंट पर 40 % राशि अनुयूटी में निवेश करना होता है जिसमें वे मूल धन वापस होने का विकल्प चुन सकते है पर यूपीएस में ऐसा कोई विकल्प नहीं है कर्मचारी के डिफेंट की मृत्यु पर अन्यूति राशि वापस नहीं होती है ।
Unified Pension Scheme क्या है यूनिफाइड पेंशन स्कीम
दरअसल यह पेंशन स्कीम भी NPS जैसी ही है जिससे कर्मचारी को ज्यादा कुछ फायदा नहीं है देश में कर्मचारी लगातार OPS की मांग कर रहे है क्योंकि ओल्ड पेंशन स्कीम को कर्मचारी बहुत ज्यादा सुरक्षित महसूस करता है जब कर्मचारी रिटायर्ड होता है तो जमा राशि अब एक मुश्त कर्मचारी को दी जाती है साथ ही अंतिम पेमेंट का आधा कर्मचारी को वृद्धावस्था पेंशन के रूप में दी जाती है ।कर्मचारी की खुद की मृत्यु के बाद उसकी पत्नी को भी पेंशन दी जाती है दोनों की मृत्यु के बाद पेंशन बंद होती है ।
UPS में कर्मचारी के मूल वेतन का 50 % पेंशन दी जाएगी और बकाया राशि एक साथ नहीं दी जाती है इससे कर्मचारी ठगा हुआ महसूस करता है और उसका जमा पैसा भी सरकार पूरा वापस नहीं देती है ।
NPS में कर्मचारी की जो कटौती होती है उसका रिटायर्ड होने पर केवल 40 % कर्मचारी को दिया जाता है और बचे गए 60 % पर उसको पेंशन दी जाती है ये पेंशन प्रणाली सबसे खतरनाक और कर्मचारी विरोधी नीति है अब कोई कर्मचारी रिटायर्ड होता है उसका अगर 20 लाख जमा है तो उसको 8 लाख रिटायर्डमेंट पर दिया जाएगा और बाकी 12 लाख पर उसकी मंथली 3000 हजार पेंशन दी जाएगी और इसमें महंगाई अनुसार कोई बढ़ोतरी नहीं होगी अगर कर्मचारी की जल्द ही मृत्यु हो जाए तो बची हुई राशि लेप्स मानी जाएगी ।
कहने का मतलब NPS में पैसे काटने वाली कंपनी मालामाल होगी और कर्मचारी की हालत खराब होगी परंतु राजनेताओं को आज भी ओल्ड पेंशन स्कीम दी जा रही है ओर उन ओर कोई दबाव भी नहीं है ओर नियम बनाने वाले ही नेता है।
इसीलिए कर्मचारी हित में ना तो UPS है और ना ही NPS केवल ओर केवल OPS ही कर्मचारियों का सहारा है जो जानबूझाकर छीनी जा रही है।
यह तथ्य हमने राजस्थान पत्रिका के माध्यम से लिया गया है साथ ही हमने पत्रिका की एक प्रति लगाई है ।
ushoodgnjrrjyidllyipujjzprjkft