CIBIL Score Check : सिविल स्कोर के बारे में आपने बहुत बार सुना होगा और आप इससे भली भांति परिचित भी होंगे । सिबिल स्कोर आम आदमी के लिए कितना जरूरी है और सिविल स्कोर किस प्रकार से एक व्यक्ति के लिए बैंक के प्रत्येक कार्यों में काम आता है। अगर आपको सिविल स्कोर के बारे में जानकारी नहीं है तो आज हम इस लेख में सिविल स्कोर के बारे में विस्तृत चर्चा करेंगे ।
सिविल स्कोर अक्षर बहुत बार सुनने में आने वाला शब्द है और जब भी किसी प्रकार के लोन की आवश्यकता होती है तो सबसे पहले हमारे ध्यान में सिबिल स्कोर ही आता है और सिविल स्कोर जितना बेहतरीन होगा उतना ही लोन मिलने का चांस बढ़ जाता है ।
सिविल यानी क्रेडिट इनफॉरमेशन ब्यूरो भारत की एक प्रचलित क्रेडिट कंपनी है जो व्यक्तियों और कंपनियों के लोन और क्रेडिट कार्ड से संबंधित भुगतान का रिकॉर्ड सुरक्षित रखती है और इस आधार पर सिविल क्रेडिट स्कोर तैयार करती है और उसे हम खास तौर पर सिविल स्कोर के नाम से जानते हैं।
सिबिल स्कोर तीन अंको की संख्या में होता है। यह 300 से लेकर अधिकतम 900 तक का स्कोर दर्शाता है। 300 अंक सबसे कमजोर सिविल को दर्शाता है और 900 सबसे अधिकतम स्कोर को दर्शाता है। इस आधार पर व्यक्ति के क्रेडिट और रेट से संबंधित भुगतानों की जानकारी हर भुगतान के समय और जिम्मेदारियां को दर्शाया जाता है ।
Importance of CIBIL Score ( सिबिल स्कोर की महत्ता ) :
लोन अप्रूवल के समय बैंक और वित्तीय संस्थान व्यक्ति को लोन देने से पहले उनके सिबिल स्कोर की जांच करता है और अच्छा स्कोर होने पर ही उसकी लोन से संबंधित प्रक्रिया आगे बढ़ता है। इसके अतिरिक्त इंटरेस्ट रेट यानी ब्याज दर यदि सिबिल स्कोर अच्छा है तो कम लगेगी और लोन राशि भी अधिक मिलने की संभावना होती है। अच्छा सिबिल स्कोर होना बैंक का एक सकारात्मक संकेत है और वह उसे बेहतरीन शर्तों पर लोन उपलब्ध करवा देते हैं।
इसके अलावा क्रेडिट कार्ड जारी करने वाली कंपनियां भी क्रेडिट कार्ड के लिए आवेदन कर्ता का सबसे पहले सिविल स्कोर ही चेक करती है और अच्छे स्कोर वाले व्यक्ति को आसानी से क्रेडिट कार्ड मिल जाता है और उसे अधिक लिमिट भी प्रदान करती है। कुछ बड़ी कंपनियां भी है जो व्यक्ति का सबसे पहले सिविल स्कोर चेक करती है जिससे उनको यह ज्ञात हो सके कि यह व्यक्ति कितना जिम्मेदारी पूर्वक और विश्वसनीय है।
How is CIBIL Score Calculated ( सिबिल स्कोर की गणना कैसे होती है ) :
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि सिबिल स्कोर कई कारकों पर निर्भर करता है और क्रेडिट व्यवहार को दर्शाता है जिससे कई मुख्य कारक होते हैं जिसके आधार पर एक आम आदमी का सिविल स्कोर तैयार होता है _
- पेमेंट हिस्ट्री सबसे पहला सिविल स्कोर का कारक है जिसमें व्यक्ति अपने लोन राशि को किस समय अवधि के दौरान चुकाता है और ईएमआई में क्रेडिट कार्ड के बिलों का भुगतान समय पर करता है । नहीं तो देर से भुगतान या पेमेंट ड्यू होने पर आपके सिविल स्कोर पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है और इससे स्पष्ट होता है कि आप जिम्मेदार व्यक्ति नहीं है।
- दूसरा कारक यह है कि आप Credit Utilization Ratio यानी आप क्रेडिट कार्ड की सीमा 1 लाख है और आपने रुपए 30000 खर्च किए हैं तो आपका सी यू आर 30% है। आमतौर पर सी यू आर 30% से कम होना अच्छा माना जाता है और उच्च सी यू आर यह संकेत देता है कि आप क्रेडिट कार्ड पर बहुत अधिक निर्भर है और आप एक जिम्मेदार व्यक्ति भी है।
- इसके अलावा आप होम लोन, कार लोन और असुरक्षित पर्सनल लोन या क्रेडिट कार्ड का मिश्रण होना भी एक अच्छा सिविल स्कोर माना जाता है और इसका हिस्सा 10% तक होता है ।
सिबिल स्कोर की श्रेणियां ( CIBIL Score Check ) :
यदि आपने पिछले 36 महीनों में किसी भी प्रकार की कोई क्रेडिट से संबंधित लेनदेन या गतिविधि नहीं की है तो वहां पर आपको क्रेडिट हिस्ट्री उपलब्ध नहीं होगी और आपका सिविल भी नहीं होगा इस स्थिति का मतलब यह नहीं है कि आपका सिबिल स्कोर खराब है बस आपके पास मूल्यांकन के लिए पर्याप्त डाटा उपलब्ध नहीं है।
यदि आपका सिविल 300 से लेकर 549 के बीच है तो आपका स्कोर खराब है और इसमें सुधार की आवश्यकता है ऐसे व्यक्ति को लोन या क्रेडिट कार्ड मिलना मुश्किल होता है ऐसे व्यक्ति को सिबिल स्कोर में सुधार करने की आवश्यकता होती है।
यदि आपका सिबिल स्कोर 550 से लेकर 649 के बीच है तो आपका सिबिल स्कोर भी अच्छा नहीं है लेकिन सामान्य से थोड़ा कम है। इस स्थिति में आपको लोन बैंक दे भी सकती है लेकिन ब्याज दरें अधिक होगी और बैंक के नियम व शर्तें भी बहुत ही सख्त हो सकती है।
यदि आपका सिबिल स्कोर 650 से लेकर 749 के भीतर है तो आपका स्कोर बहुत ही अच्छा माना जाता है अधिकांश लोन प्राप्त कर्ता के लिए ऐसे स्कोर लोन और क्रेडिट कार्ड देने के लिए तैयार रहते हैं। हालांकि ब्याज दरें सर्वोत्तम नहीं हो सकती लेकिन इसमें आपको आसानी से लोन एवं क्रेडिट कार्ड मिल जाते हैं।
अगर आपका स्कोर 750 से लेकर 900 के भीतर है तो यह सबसे बेहतरीन सिबिल स्कोर माना जाता है 750 से ऊपर का स्कोर भी बहुत ही अच्छा होता है और ऐसे व्यक्तियों को आसानी से लोन व क्रेडिट कार्ड मिल जाता है और उनकी ब्याज दरें भी बहुत ही कम होती है। इसके अलावा बैंक की सुविधा और शर्तें भी सरल होती है।
How to chek CIBIL Score :
अगर आपको अपने सिबिल स्कोर की रिपोर्ट देखनी है तो आपको आधिकारिक वेबसाइट cibil.com विजिट करनी होगी। आरबीआई के दिशा निर्देशों के अनुसार प्रत्येक व्यक्ति हर साल में एक बार मुफ्त में अपना सिविल स्कोर देख सकता है यदि आप अपने सिबिल स्कोर की समय-समय पर जांच करना चाहते हैं तो आप cibil.com की वेबसाइट पर प्रीमियम प्लान ले सकते हैं और आप निश्चित रूप से प्रत्येक दिन अपना स्कोर चेक कर सकते हैं।
सिबिल स्कोर सुधारने के तरीके :
अगर आपका सिबिल स्कोर खराब हो चुका है और किसी कारणवश या समय पर भुगतान नहीं होने अथवा क्रेडिट कार्ड लोन का भुगतान नहीं करने की स्थिति में भी आप की सीबिल खराब हो सकती है तो इसे वापस भी सुधारा जा सकता है। खराब सिविल होने की स्थिति में घबराने की जरूरत नहीं है क्योंकि इसके लिए आप अनुशासित वित्तीय आदतों को अपनाकर सुधार कर सकते हैं।
- समय पर भुगतान करें_ अगर आपने किसी प्रकार का लोन या क्रेडिट कार्ड ले रखा है तो उसका भुगतान ऑटो डेबिट सुविधा का उपयोग करते हुए समय पर करें।
- क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल हो सके तो कम से कम करें यानी क्रेडिट सीमा का 30% से अधिक उपयोग करने का प्रयास न करें।
- एक अच्छा क्रेडिट मिश्रण तैयार करें और सुरक्षित व असुरक्षित लोन का संतुलित मिश्रण रखें। इस बात का भी ध्यान रखें कि केवल इसको सुधारने के लिए आप अनावश्यक कोई और लोन ना लें ।
- बार-बार क्रेडिट के लिए आवेदन न करें _ केवल तभी नए क्रेडिट के लिए आवेदन करें जब आपको इसके बारे में वास्तव में बहुत ज्यादा आवश्यकता हो प्रत्येक हाई इंक्वारी आपके स्कोर को कम कर सकती है।
- पुराने क्रेडिट खातों को बंद कर दें और बकाया राशि का भुगतान समय पर कर दें।